Site icon Main Exam

अब किसी काम का नहीं होगा फास्टैग! GNSS सिस्टम से कटेगा टोल टैक्स, जानिए कैसे

Toll deducted through GNSS system

Toll deducted through GNSS system

Toll deducted through GNSS system. देश में बढ़ती वाहनों की संख्या को देखते हुए रोड एवं परिवहन मंत्रालय के द्वारा ऐसे-ऐसे नियम लागू किए जाते हैं। जो लाखों वाहन मालिकों पर असर डालते हैं। जिससे टोल प्लाजा पर गुजरने वाले गाड़ियों पर सीधे तौर पर असर होता है। आपको बताते हैं कि जब भी कोई चार पहिया या फिर अन्य वाहन किसी राज्य या फिर हाईवे पर अपनी गाड़ी को चलता है। तो आपको तो वहां पर टोल टैक्स चुकाना पड़ता है।

मौजूदा समय में सरकार फास्टैगसुविधा से टोल टैक्स कलेक्शन को काम में ला रही है। तो इस तरीके से टोल टैक्स पर लंबी-लंबी वाहनों की कतार लगना आम सी बात हो गई है। जिससे इन लंबे जाम से निजात दिलाने के लिए अब सरकार नए तरीके से टोल कलेक्शन का तरीका अपनाने वाली है। यह टेक्नोलॉजी इतनी खास है जिससे फास्टैग से सुविधा भी बदल जाएगी

अब फास्टैग से नहीं GNSS सिस्टम से कटेगा टोल टैक्स

अभी जो जानकारी सामने आई हैं, तो टोल टैक्स GNSS सेटेलाइट तकनीक के जरिए चुकाया जाएगा। इसके लिए GNSS सिस्टम यानी कि ग्लोबल नेवीगेशन सेटेलाइट सिस्टम आ रहा है ।यह इस तरह का यह एक तरह का नया टोल कलेक्शन सिस्टम है। जिसे सरकार जल्दी लागू करने वाली है।

क्या है जीएस सिस्टम और कैसे काम करता है

यह सिस्टम हाल ही में सरकार के द्वारा बताया कि देश के कुछ चुनिंदा राष्ट्रीय राजमार्गों पर GNSS समर्पित टोल सिस्टम बनाया जाएगा। जिससे ग्लोबल नेविगेशन सिस्टम को लागू होने से वाहनों की फास्टैग की जरूरत नहीं होगी और ना ही टाल कटवाने के लिए उन्हें लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ेगा।

दरअसल इसके पीछे की वजह है कि यह सिस्टम सीधा सेटेलाइट से कनेक्ट होगा। जिसके लिए टोल बूथ बनाए जाएंगे जहां पर हाईवे पर गुजरने वाले सभी गाड़ियों का डाटा जमा किया जाएगा। कौन सी गाड़ी कितना दूरी तय कर रही है।  इस सिस्टम के जरिए ट्रेक किया जाएगा, जिसके बाद मे ऑनलाइन ही टोल टैक्स का पैसा कट जाएगा। सरकार ने इसे लागू करने की जोरो जोरो से तैयारी शुरू करती हैं।

हालांकि  वाहन मालिकों के मन में सवाल होगा। कि GNSS सिस्टम लागू होने से क्या पहले के फास्टैग की सुविधा पूरी तरह से बंद हो जाएगी। तो सामने निकलकर आई जानकारी के अनुसार सरकार केंद्र सरकार देश के कुछ हाईवे पर यह सिस्टम लागू करेगी यानी कि सभी मार्गों पर तो नहीं लागू हुआ। इसके मतलब है कि GNSS सिस्टम से जो गाड़ी कनेक्ट नहीं होगी तो टोल टैक्स नहीं कटेगा। जिससे पहले की तरह फास्टैग के जरिए ही टोल टैक्स का पैसा कटेगा।

Exit mobile version